IX Hindi II Term. Exam. Dec. 2018 – Answers
1. ख) पोस्टमैन बिना चप्पल चला आता था। 1
2. 'सुंदर' विशेषण है। 1
3. पोस्टमैन की डायरी। 4
तारीख: ............
आज मुझे बेबी नामक एक छोटी लड़की ने नए जूते बनवा दिए। वास्तव में वह लड़की एक पैरवाली है, बैसाखियों के सहारे चलनेवाली है। लेकिन औरों की कष्टताओं पर वह दुखी होनेवाली है। पिछले कुछ दिनों से उसने मेरा निरीक्षण किया था और समझा था कि मैं नंगे पैर चल रहा हूँ। उसे लगा होगा कि इस कड़ी धूप में बिना चप्पल, बिना छतरी, बिना साइकिल के यह पोस्टमैन कैसे चल रहा है। जो भी हो, वह बड़ी दलायू लड़की है। उसके एक पैर नहीं। हे भगवान! मुझे बड़ा दुख हुआ कि उस लड़की को मैं एक पैर कैसे दूँ। मुझे उस लड़की का सामना करना बहुत मुश्किल है। अत: मैंने बड़े बाबू से निवेदन किया है कि मेरा लाइन बदल दें। आज का दिन अच्छा दिन था।
- अथवा -
बेबी की चरित्रगत विशेषताएँ 4
वेंकटेश माडगुलकर की कहानी 'नंगे पैर' की मुख्य पात्र बेबी नामक लड़की है। वह भिन्न क्षमतावाली है, उसके एक पैर नहीं है। इसीलिए उसे घर पर ही रहना पड़ता है। अत: वह घर में आनेवाले लोगों से बात करने में बहुत तत्पर होती है। एक पैरवाली होने पर भी वह औरों की कष्टताएँ देखकर बहुत दुखी हो जाती है। कहानी का एक प्रधान पात्र है नया पोस्टमैन, उसे कड़ी धूप में बिना चप्पल घूमते देखकर वह दुखी हो जाती है। पोस्टमैन को देने के लिए वह हरीबा मोची से नए जूते बनवाती है। दूसरों की कष्टताएँ दूर करने में यह लड़की कष्ट उठाने के लिए तैयार होती है।
4. समूह के अर्थ में प्रयुक्त शब्द है - 'गुट'। 1
5. ये देश अनेक गुशों का गुट बनाकर 2
अन्य गुटों से अकसर मार काट करते हैं।
6. कवितांश का आशय। 4
'जीने की कला' हिंदी के मशहूर कवि त्रिलोचन की एक अच्छी कविता है। इस कविता के द्वारा कवि पाठकों को सहयोग और सहकारिता के साथ रहने का उपदेश देते हैं।
कवि कहते हैं कि यह धरती अनेकों देशों में बँट गई है। आदमी जहाँ रहता है उसे देश कहता है। इस प्रकार मानवों से बनाए गए देशों के गुटों के बीच में दुश्मनी होती है और उससे युद्ध भी होता है। इन संकीर्ण भावनाओं के कारण मानव के विकास कार्यों में बाधा होती है। क्योंकि देश के गुटों के बीच में मारकाट होती है, युद्ध होते हैं। इसलिए कवि कहते हैं कि मानव को सारी कलाएँ, विज्ञान तो आते हैं लेकिन जीने की कला नहीं आती। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी देश भारी रकम खर्च कर रहे हैं। यदि सभी मनुष्यों में सहयोग और सहकारिता की भावना रहे तो विकास और भी तीव्रगति से होगा।
कवि इस कविता के द्वारा पाठकों को, सभी को स्वीकार करने और सहकारिता के साथ रहने का उपदेश देते हैं। विश्व भर में विभिन्न देशों के बीच में आज भी संघर्ष और युद्ध चलते रहते हैं। ऐसे संदर्भ में यह कविता बिलकुल अच्छी और प्रासंगिक है।
7. बेबी की विशेषता - क) दूसरों की सहायता करनेवाली। 1
8. नमूने के अनुसार बदलकर लिखें। 1
बेबी रुपया देती है - बेबी रुपया देगी।
9. नंगे पैर – पटकथा। 4
स्थान: बेबी का घर।
समय: शामको तीन बजे।
पात्र: 1. बेबी- करीब 12 साल की लड़की। एक पैरवाली, बैसाखियों की सहायता से चलती है। फ्रॉक पहनी है।
2. हरिबा - मोची, करीब 45 साल का आदमी, लुंगी और कुरता पहना है।
संवाद:
बेबी: (धीमी आवाज़ में, पास बुलाकर पाँच रुपए हाथ में थमाकर) मुझे इसके जूते बना दो।
हरीबा: (सिर हिलाकर) बना दूँगी बहिन! नाप ले लूँ।
बेबी: अरे मेरे पैर का नहीं।
हरीबा: फिर किसके लिए?
बेबी: आप दो दिनों के बाद आइए, मैं नाप दे दूँगी।
(हरीबा मोची चला जाता है।)
10. ग) देश के अधिकांश लोग गरीब हैं। 1
11. उसने = वह + ने 1
12. सादगी का महत्व – लघु लेख। 4
सादा जीवन उच्च विचार
समाज में कुछ लोग बहुत धनिक हैं लेकिन शेष लोग आज भी अत्यधिक गरीबी में रहनेवाले हैं। अमीर लोग बड़ी सुख-सुविधाओं के साथ आडंबर का जीवन बिताते समय गरीब लोग कष्टताओं में जीवन देते हैं। ऐसी हालत में सादा जीवन बिताने का महत्व बढ़ता जा रहा है। हमारा जीवन सादा हो और विचार उच्च हो। हमें फिज़ूलखर्ची और दिखावा नहीं करना चाहिए। हमारे राष्ट्रपिता गाँधीजी अत्यधिक सादगी का जीवन बितानेवाले थे। वे एक धोती पहनते थे और पेंसिल से लिखते थे। उनका विचार था कि जब हमारे देश के अधिकांश लोग गरीब हों तो हमें फिज़ूलखर्ची और दिखावा नहीं करना चाहिए। गाँधीजी ने जैनधर्म के अपरिग्रह को स्वीकार किया था। सादगी का जीवन बिताने से हमारी आर्थिक कठिनाई दूर हो जाती है। अनावश्यक खर्चों को छोड़कर सोच-समझकर पैसे खर्च करना चाहिए। अमीर लोग फिज़ूलखर्ची छोड़कर उन पैसों से गरीबों की सहायता करें तो समाज का विकास भी होता है। सादगी वड़ा लाभदायक होती है।
- अथवा -
2 अक्तूबर
अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस
(गाँधीजी का जन्मदिन)
हिंसा छोड़ दें, अहिंसा को स्वीकार करें।
हिंसा से समाज में अशांति फैल जाती है।
सभी से दयापूर्ण और प्रेमपूर्ण व्यवहार करें।
अहिंसा से शांति होती है,
सामाजिक विकास भी होता है।
13. अश्रु - मोती। 1
14. हिंदी के मशहूर कवि गोपालदास नीरज की एक अच्छी कविता है 'छिप छिप अश्रु बहानेवालो'। यह एक संबोधनात्मक कविता है। कवि इस कविता के द्वारा पाठकों को छोटी-छोटी बातों पर दुखी न होने और जिंदगी में संतृप्ति के साथ रहने का उपदेश देते हैं।
जब आशाएँ सफल नहीं होतीं तब मनुष्य अत्यधिक दुखी होता है और छिप-छिप अश्रु बहाता है। लेकिन अपनी जिंदगी को विशाल अर्थ में स्वीकार करने पर मनुष्य छोटी-छोटी बातों पर दुखी नहीं होते। जिंदगी में सभी सपने साकार नहीं होते। सपने साकार होने के लिए कड़ी मेहनत की ज़रूरत पड़ती है। कवि उपदेश देते हैं कि कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है। याने इस नश्वर जगत में जीते समय हमें जो भी मिलें उससे संतृप्त होकर जीवन बिताना अनिवार्य होता है।
कवि इस कविता के द्वारा सभी मानवों को छोटी-छोटी बातों पर दुखी न होने और छिप छिप अश्रु नहीं बहाने का उपदेश देते हैं। जिंदगी में सभी आशाएँ पूर्ण नहीं होतीं। अर्थात आशाओं की पूर्ति नहीं होने पर उसपर दुखी होना अच्छी आदत नहीं है। यह संबोधनात्मक कविता उपदेशात्मक कविता है। यह बिल्कुल अच्छी और प्रासंगिक कविता है।
15. 'जिस गली में मैं रहता हूँ' - घटना के आधार पर समाचार। 4
कविता के कारण 50 लोगों की जानें बच गईं
स्थान: नई दिल्ली तारीख: 5-10-1857- आज कर्नल ब्राउन के निर्देशानुसार कवि मिर्ज़ा ग़ालिब और उनके पड़ोस में रहनेवाले 50 लोगों को अंग्रेज़ी सिपाहियों ने गिरफ्तार कर लिया और कर्नल ब्राउन के सामने पेश किया गया। कर्नल ब्राउन ने मिर्ज़ा ग़ालिब से पूछा कि आप क्या करते हैं? उन्होंने उत्तर दिया कि मैं उर्दू में कविता लिखता हूँ। ब्राउन को खुशी हुई और ग़ालिब को इज़्ज़त के साथ घर वापस छोड़ने का आदेश दिया। तब गालिब ने कहा कि मेरे साथ गिरफ्तार किए गए पड़ोसी बेहद सीधे-सादे हैं। उन्हें भी रिहा कर दिया जाए, वे भी कविता लिखते हैं। कर्नल ने उनको भी घर जाने की इज़ाज़त दे दी। इस प्रकार कविता के कारण 50 आदमियों की जानें बच गईं।
16. वाक्य पिरमिड 2
ब्राउन ने छोड़ दिया।
ग़ालिब को ब्राउन ने छोड़ दिया।
कविता लिखने के कारण ग़ालिब को ब्राउन ने छोड़ दिया।
उर्दू में कविता लिखने के कारण ग़ालिब को ब्राउन ने छोड़ दिया।
17. आसमान में चिड़ियाँ उड़ रही थीं। 1
18. सही मिलान। 4
प्रत्येक चिड़िया की आशा थी - कि मैं आसमान को छुऊँगी।
शिकारी लोग चिड़ियों को - जाल में फँसाना चाहते थे।
सोने के पिंजरे की चीज़ें - मोहित करनेवाली थीं।
उड़ती चिड़ियों पर - शिकारी तीर लगा रहे थे।
ravi. m., ghss, kadannappally, kannur. 9446427497